Thursday, December 30, 2010

क्यूंकि वह वहसी दरिंदा था - डॉ नूतन गैरोला

एक निरीह बेजुबान को  किस तरह एक चतुर दरिंदे के आगे उसके अभिमान के लिए अपने प्राणों को गंवाना पड़ा या बेघर होना पड़ा .. और यह कोई नहीं जानता की वह इस दुनिया में है भी की नहीं ? 
 
 
                                        
 
 
वह वहसी दरिंदा था | उसकी पूंछ थी जो प्रेम में हिलती थी और जब डर जाता तो दब जाती थी | चार नुकीले दांत थे जो खाना कुतरते थे | और जब कोई उसको बहुत धमकाता या तंग करता तो बचाव में डराते भी थे | एक लंबी जीभ थी जो गर्मियों में लटकती थी शरीर को वातानुकूलित करती या प्यार में अपने मालिक और प्रेमी लोगो को चाटने के लिए किन्तु भाषा बोलने में अक्षम सिर्फ गले से भों-भों की आवाज क्यूंकि वह एक बेजुबान कुत्ता था ..
और वह ? उसकी एक पूंछ नहीं थी | आगे के चार नुकीले दांत भी ना थे | ना सर पर सिंग थे | एक मीठी जुबान थी जो समझने सकने वाली भाषा बोलती थी | और एक शातिर दिमाग था, जो समय के हिसाब से अपने बचाव में सच को झूठ में बदलने में सक्षम था क्यूंकि वह एक चालाक आदमजात था | वहसी दरिंदा ?
एक नन्ही लड़की के पड़ोस में वह आदमजात रहता था और उस नन्ही लड़की ने एक बेजुबान कुत्ता पाला था | वह बच्ची उस छोटे से पिल्ले को बहुत प्यार करती और खुद को उसकी मम्मी कहती और अपनी मम्मी को उस पिल्ले की नानी | पिल्ला भी जब अपने घर के सदस्यों के चारों ओर उछलता रहता और आने जाने वालों को खूब प्यार करता | उसकी खूबी थी की वो दो पैरों पे खड़े हो कर नमस्ते नमस्ते करता कभी बोलने का भी प्रयास करते हुवे अपने मालिक की भाषा का नक़ल करने की पूरी कोशिश करता |
    अब पिल्ला कुछ कुछ बड़ा होने लगा और पिल्ले से एक प्यारा कुत्ता बनने लगा | जब लड़की ट्यूसन जाती तो वह भी पीछे जाता और घर आ कर दरवाजे पर उसकी इन्तजार करता| सुबह का घूमना भी खुद करता, घर से बाहर जाता तो पांच मिनट में घर आ जाता | लेकिन इस बीच अचानक वो छोटा कुत्ता जो कि अब लगभग एक साल का हो चला था रात को घूमते समय गायब हो जाता .. नन्ही लड़की आवाज लगा लगा के थक जाती पर कुत्ता वापस ना आता | फिर सुबह वहीं पर पूंछ हिलाता हुवा दिख जाता | घर वाले परेशान हो जाते की वह कहाँ गायब हो जाता है | एक रात को जब कुत्ता गायब हो गया तो घर वाले ढूंढते ढूंढते परेशान हो गए, तब एक पहचान के लड़के को कुत्ते को ढूंढने भेजा .. काफी जद्दोजहद के बाद वो कुत्ता मिल गया .. वो भी अप्रत्याशित रूप से ..जब उस लड़के ने तथाकथित आदमजात की रजाई खींची तो वो कुत्ता उसके पैरों के बीच में दबा हुवा मिला और उस बेजुबान कुत्ते के मुँह को उस आदमजात ने कस के दबाया हुवा था ताकि वो आवाज ना निकाल सके | कुत्ता बेहद डरा हुवा था, उस लड़के ने उस कुत्ते को आदमजात से छुडाया और घर लाया गया | ऐसा दो तीन बार हुवा की कुत्ता उस आदमजात की गिरफ्त में होता
               |अब दिसम्बर के महीने में वो एक साल का हो चला था | दिसम्बर को जिस दिन उसका जन्मदिन था, जाड़ा ज्यादा था वो लड़की उस कुत्ते के लिए कोट ले आई | कभी घर में कोई उस नन्ही लड़की को पढाने या शैतानी में मारता तो वो कुत्ता रोता और मारने वालो को गुस्से में दांत भी दिखाता | घर वाले कुत्ते से नाराज हो जाते कि यह तो हमें दांत दिखा रहा है | कुत्ता कुछ चिडचिडा हो चला .. खास कर वो आदमजात आता तो चिढचिढाने लगता | और एक अजीब सी तीखी चिढचिढ़ी आवाज में चिल्लाता | और वो आदमजात भी दिन में कहता कि इसे संभालो ये मुझसे चिढता है | फिर ऐसा हुवा कि उस लड़की के माँ पिता जी को बाहर जाना पड़ा तब फिर अचानक दो रात को कुत्ता गायब हो गया .. दिन में घर होता और रात को अचानक गायब ..उस दिन कुत्ता एक साल और आठ दिन का हुवा था, सुबह जब कुत्ता घर में था वो आदमजात उनके घर आया और कुत्ते पर हाथ लगाने लगा तो कुत्ता दूर हो कर गुर्राया तो आदमजात ने उसे एक लात मारी.. कुत्ता अचानक भड़क गया .. और एक खरोंच उस आदमजात पर लग गयी.. और फिर आदमजात ने क्रोध से उस कुत्ते को देखा और कहा देख लेना तुझे अब बताता हूँ .. लड़की ने सोचा मजाक होगा ..फ़ौरन आदमजात के लिए टीके लाये गए और टीका लगाया गया ..
                     किन्तु थोड़ी देर बाद ध्यान गया फिर कुत्ता गायब हो चूका था, शाम तक जब ढूंढने पर भी कुत्ता नहीं मिला तो वो नन्ही लड़की घर की छत से उस कुत्ते को आवाज लगाती रही.. बहुत रोई जब याद आया कि आदमजात ने कुत्ते को धमकी दी थी ..फिर उसने अपनी माँ को फोन किया पर वहाँ से हजार किलोमीटर के फासले से माँ क्या बताती या करती | रात भर रोते रोते लड़की की आँखे पकोडा हो गयी..अगले दिन भी कुत्ते की खोज की गयी.. तब पता चला की वह आदमजात कुत्ते को ट्रक के नीचे ३-४ बार फैंक कर मारने की कोशिश कर रहा था जो कि वहाँ पर खड़े लोगो ने देखा और बताया .. फिर जब ट्रक के नीचे नहीं आया तो कंधे में उठा के उस कुत्ते को कहीं ले गया और कुत्ता यह सोचता रहा कि शायद घुमाने ले जा रहा है .. और उस दिन के बाद वो कुत्ता कही नहीं नजर आया .. शायद उसे पास बहती नदी में फैंका गया, या फिर किसी दूर गाड़ी के नीचे कुचल कर पहाड़ी से नीचे फैंका गया .. या फिर किसी ट्रक में डाल कर दूर किसी और शहर में बेघर कर दिया गया .. उस लड़की के प्राण छटपटा रहे थे कि मेरे बेटे का क्या हुवा .. मेरा बेटे मेरे प्यारे  कुत्ते ने ऐसा क्या बिगाड़ दिया था कि उसे इस कदर मार दिया गया ..हर आहट पर उसे लगता था कि उसका प्यारा कुत्ता वापस उसकी बाट जोह रहा है और उस लड़की की आँखों से आंशू धार धार बह कर जमीन को भिगोते रहे कि कोई तो मेरे उस बेटे को वापस कर दे और जब उस आदमजात से पूछने की कोशिश की गयी तो उसने बात करने से इनकार कर दिया और फिर अचानक नन्ही लड़की के घर फोन कर कहा कि आप मुझसे पूछने की कोशिश ना करें , मैं अगर आत्महत्या कर दूँ तो इल्जाम आप पर चढ जायेगा, आप मुँह बंद रखें | आदमजात की क्रूरता और चालाकी देखे नहीं बनती थी | एक बेजुबान पर कितना भी जुर्म हो किन्तु अगर वह इसका विरोध करे तो क्या उस को अपने प्राण की आहुति दे कर इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी ?


वह मारा गया क्यूंकि वह वहसी दरिंदा था -आपका मानना क्या ?  वहसी दरिंदा कौन ? वह कुत्ता या वह आदमजात |


Tuesday, December 14, 2010

तुम बदले ? न हम … डॉ नूतन

आभासीय दुनिया में खूब खाए लड्डू पकौड़े , पाई गिफ्ट , और बने अच्छे मित्र .. .. फिर ऐसा क्या कि सब कुछ बदला बदला सा लगने लगा … सब वैसा ही था फिर क्यों सब बदल गया था

     long-friends.


समय का पहियां
घूमता, फैलता, खींचता, समय..
बढती उमर ...

पकवान जो लुभाते थे ख्यालो में कभी
क्यों कर स्वाद फीका हो चला है..
और वो कोरे कागजों  के फूल 
इत्र उड़ा, मिटती सुगंध..

ज्यूं खट खट टक टक के संग 
आभासीय दोस्ती,
जो साथ थे पास थे
फासले समय के साथ
कितने बड़े
कि नदी के किनारे भी ना हुवे
जो मिलते कभी नहीं थे
समान्तर चलते भी ना रहे ...

तुम वही हो,
पर कितने बदल गए हो
और तुम्हारा नजरिया बदल गया है |
कभी लगता है मुझे
क्यूं तुम बदले ?
पर
खुद को समझी नहीं मैं ..
शायद नजरिया मेरा ही बदल गया है
धुंधला रही हैं नजरे मेरी,
एक झुर्रि भी इठला रही  माथे पर मेरे
और मुझे मोटा चश्मा चढ़ गया है ||


डॉ नूतन गैरोला ..१३=१२=२०१० १९ :५५
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