वह वहसी दरिंदा था | उसकी पूंछ थी जो प्रेम में हिलती थी और जब डर जाता तो दब जाती थी | चार नुकीले दांत थे जो खाना कुतरते थे | और जब कोई उसको बहुत धमकाता या तंग करता तो बचाव में डराते भी थे | एक लंबी जीभ थी जो गर्मियों में लटकती थी शरीर को वातानुकूलित करती या प्यार में अपने मालिक और प्रेमी लोगो को चाटने के लिए किन्तु भाषा बोलने में अक्षम सिर्फ गले से भों-भों की आवाज क्यूंकि वह एक बेजुबान कुत्ता था .. और वह ? उसकी एक पूंछ नहीं थी | आगे के चार नुकीले दांत भी ना थे | ना सर पर सिंग थे | एक मीठी जुबान थी जो समझने सकने वाली भाषा बोलती थी | और एक शातिर दिमाग था, जो समय के हिसाब से अपने बचाव में सच को झूठ में बदलने में सक्षम था क्यूंकि वह एक चालाक आदमजात था | वहसी दरिंदा ? एक नन्ही लड़की के पड़ोस में वह आदमजात रहता था और उस नन्ही लड़की ने एक बेजुबान कुत्ता पाला था | वह बच्ची उस छोटे से पिल्ले को बहुत प्यार करती और खुद को उसकी मम्मी कहती और अपनी मम्मी को उस पिल्ले की नानी | पिल्ला भी जब अपने घर के सदस्यों के चारों ओर उछलता रहता और आने जाने वालों को खूब प्यार करता | उसकी खूबी थी की वो दो पैरों पे खड़े हो कर नमस्ते नमस्ते करता कभी बोलने का भी प्रयास करते हुवे अपने मालिक की भाषा का नक़ल करने की पूरी कोशिश करता | अब पिल्ला कुछ कुछ बड़ा होने लगा और पिल्ले से एक प्यारा कुत्ता बनने लगा | जब लड़की ट्यूसन जाती तो वह भी पीछे जाता और घर आ कर दरवाजे पर उसकी इन्तजार करता| सुबह का घूमना भी खुद करता, घर से बाहर जाता तो पांच मिनट में घर आ जाता | लेकिन इस बीच अचानक वो छोटा कुत्ता जो कि अब लगभग एक साल का हो चला था रात को घूमते समय गायब हो जाता .. नन्ही लड़की आवाज लगा लगा के थक जाती पर कुत्ता वापस ना आता | फिर सुबह वहीं पर पूंछ हिलाता हुवा दिख जाता | घर वाले परेशान हो जाते की वह कहाँ गायब हो जाता है | एक रात को जब कुत्ता गायब हो गया तो घर वाले ढूंढते ढूंढते परेशान हो गए, तब एक पहचान के लड़के को कुत्ते को ढूंढने भेजा .. काफी जद्दोजहद के बाद वो कुत्ता मिल गया .. वो भी अप्रत्याशित रूप से ..जब उस लड़के ने तथाकथित आदमजात की रजाई खींची तो वो कुत्ता उसके पैरों के बीच में दबा हुवा मिला और उस बेजुबान कुत्ते के मुँह को उस आदमजात ने कस के दबाया हुवा था ताकि वो आवाज ना निकाल सके | कुत्ता बेहद डरा हुवा था, उस लड़के ने उस कुत्ते को आदमजात से छुडाया और घर लाया गया | ऐसा दो तीन बार हुवा की कुत्ता उस आदमजात की गिरफ्त में होता |अब दिसम्बर के महीने में वो एक साल का हो चला था | दिसम्बर को जिस दिन उसका जन्मदिन था, जाड़ा ज्यादा था वो लड़की उस कुत्ते के लिए कोट ले आई | कभी घर में कोई उस नन्ही लड़की को पढाने या शैतानी में मारता तो वो कुत्ता रोता और मारने वालो को गुस्से में दांत भी दिखाता | घर वाले कुत्ते से नाराज हो जाते कि यह तो हमें दांत दिखा रहा है | कुत्ता कुछ चिडचिडा हो चला .. खास कर वो आदमजात आता तो चिढचिढाने लगता | और एक अजीब सी तीखी चिढचिढ़ी आवाज में चिल्लाता | और वो आदमजात भी दिन में कहता कि इसे संभालो ये मुझसे चिढता है | फिर ऐसा हुवा कि उस लड़की के माँ पिता जी को बाहर जाना पड़ा तब फिर अचानक दो रात को कुत्ता गायब हो गया .. दिन में घर होता और रात को अचानक गायब ..उस दिन कुत्ता एक साल और आठ दिन का हुवा था, सुबह जब कुत्ता घर में था वो आदमजात उनके घर आया और कुत्ते पर हाथ लगाने लगा तो कुत्ता दूर हो कर गुर्राया तो आदमजात ने उसे एक लात मारी.. कुत्ता अचानक भड़क गया .. और एक खरोंच उस आदमजात पर लग गयी.. और फिर आदमजात ने क्रोध से उस कुत्ते को देखा और कहा देख लेना तुझे अब बताता हूँ .. लड़की ने सोचा मजाक होगा ..फ़ौरन आदमजात के लिए टीके लाये गए और टीका लगाया गया .. किन्तु थोड़ी देर बाद ध्यान गया फिर कुत्ता गायब हो चूका था, शाम तक जब ढूंढने पर भी कुत्ता नहीं मिला तो वो नन्ही लड़की घर की छत से उस कुत्ते को आवाज लगाती रही.. बहुत रोई जब याद आया कि आदमजात ने कुत्ते को धमकी दी थी ..फिर उसने अपनी माँ को फोन किया पर वहाँ से हजार किलोमीटर के फासले से माँ क्या बताती या करती | रात भर रोते रोते लड़की की आँखे पकोडा हो गयी..अगले दिन भी कुत्ते की खोज की गयी.. तब पता चला की वह आदमजात कुत्ते को ट्रक के नीचे ३-४ बार फैंक कर मारने की कोशिश कर रहा था जो कि वहाँ पर खड़े लोगो ने देखा और बताया .. फिर जब ट्रक के नीचे नहीं आया तो कंधे में उठा के उस कुत्ते को कहीं ले गया और कुत्ता यह सोचता रहा कि शायद घुमाने ले जा रहा है .. और उस दिन के बाद वो कुत्ता कही नहीं नजर आया .. शायद उसे पास बहती नदी में फैंका गया, या फिर किसी दूर गाड़ी के नीचे कुचल कर पहाड़ी से नीचे फैंका गया .. या फिर किसी ट्रक में डाल कर दूर किसी और शहर में बेघर कर दिया गया .. उस लड़की के प्राण छटपटा रहे थे कि मेरे बेटे का क्या हुवा .. मेरा बेटे मेरे प्यारे कुत्ते ने ऐसा क्या बिगाड़ दिया था कि उसे इस कदर मार दिया गया ..हर आहट पर उसे लगता था कि उसका प्यारा कुत्ता वापस उसकी बाट जोह रहा है और उस लड़की की आँखों से आंशू धार धार बह कर जमीन को भिगोते रहे कि कोई तो मेरे उस बेटे को वापस कर दे और जब उस आदमजात से पूछने की कोशिश की गयी तो उसने बात करने से इनकार कर दिया और फिर अचानक नन्ही लड़की के घर फोन कर कहा कि आप मुझसे पूछने की कोशिश ना करें , मैं अगर आत्महत्या कर दूँ तो इल्जाम आप पर चढ जायेगा, आप मुँह बंद रखें | आदमजात की क्रूरता और चालाकी देखे नहीं बनती थी | एक बेजुबान पर कितना भी जुर्म हो किन्तु अगर वह इसका विरोध करे तो क्या उस को अपने प्राण की आहुति दे कर इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी ?
वह मारा गया क्यूंकि वह वहसी दरिंदा था -आपका मानना क्या ? वहसी दरिंदा कौन ? वह कुत्ता या वह आदमजात |
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आँख में आँसू ला देने वाली दर्दनाक घटना. ज़ाहिर है कि वह आदमजात एक वहशी दरिंदा था .कुत्ता आदमी से हज़ार गुना ज्यादा वफादार होता है.बेचारी उस लड़की का तो रो रो कर बुरा हाल होगा.
ReplyDeletebahut hi marmik aur sikshaprad lekh....dhanyawaad...
ReplyDeleteदर्पण से परिचय
kya baat kahi aapne...sach me iss duniya me jaanwar ko bhi aadamjaat hi khunkhar banata hai ....kutta to har waqt apne ko hamara dost bante hue dekhna chahta hai...!!
ReplyDeletenav varsh ki agrim shubkamnayen!!
ab follow kar raha hhon, to barabar aaunga..:)
उफ़! बेहद वीभत्स्………………।कुछ कहने लायक नही छोडा।
ReplyDeleteबहुत मार्मिक..आज आदमी जानवरों से अधिक वहसी और क्रूर हो चुका है.नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं .
ReplyDeleteबेहद ही मार्मिक प्रस्तुति...... बेशक आदमजात ही बहशी है. आज कुत्ते आदमीं से कहीं ज्यादा वफादार हो रहे है..... काश उन बेजुबानों की भाषा आदमी समझ पता.
ReplyDeleteजीवन के नग्न सत्य को उधाड कर रख दिया आपने। कुछ समझ में नहीं आ रहा कि क्या कहूं।
ReplyDelete---------
साइंस फिक्शन और परीकथा का समुच्चय।
क्या फलों में भी औषधीय गुण होता है?
आदमज़ाद से बडा वहशी और कौन है दुनिया में :) सुंदर प्रतीक के माध्यम से मर्मस्पर्शी लेख के लिए बधाई॥
ReplyDeleteमार्मिक प्रस्तुति......
ReplyDeleteनव वर्ष(2011) की शुभकामनाएँ !
आँखे खोलने वाली मार्मिक , बेहतरीन प्रस्तुति।
ReplyDeleteआज आपके दोनों ब्लॉग देखे अच्छा लगा पढ़कर! ! नव वर्ष की शुभकामना!
ReplyDeleteचूँकि अब धीरे-धीरे हम सब एक बिलकुल नए-नवेले साल २०११ में पदार्पण करने जा रहे है,
ReplyDeleteअत: आपको और आपके परिवार को मेरी और मेरे परिवार की और से एक सुन्दर, सुखमय और समृद्ध नए साल की शुभकामनाये प्रेषित करता हूँ ! भगवान् करे आगामी साल सबके लिए अच्छे स्वास्थ्य, खुशी और शान्ति से परिपूर्ण हो !!
बेहद संवेदनशील और मर्मस्पर्शी प्रस्तुति. आभार.
ReplyDeleteअनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
तय हो सफ़र इस नए बरस का
प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
सुवासित हो हर पल जीवन का
मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
शांति उल्लास की
आप पर और आपके प्रियजनो पर.
आप को भी सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर,
डोरोथी.
मार्मिक प्रस्तुति|
ReplyDeleteआप को सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
मार्मिक प्रस्तुति
ReplyDeleteईश्वर न्यायकारी है और उस आदमजात के इस घ्रणित कर्म करने से साथ ही उस का दंड भी निर्धारित हो चुका है .
वस्तुतः मनुष्य है तो विचारो का समुच्चय ही न , उस ने जो भी किया अपने उन ही कर्म प्रेरणा के स्रोत से ,
यही उस की अनन्त काल तक दुःख और भटकाव का कारण होंगे
मार्मिक प्रस्तुति
ReplyDeleteईश्वर न्यायकारी है और उस आदमजात के इस घ्रणित कर्म करने से साथ ही उस का दंड भी निर्धारित हो चुका है .
वस्तुतः मनुष्य है तो विचारो का समुच्चय ही न , उस ने जो भी किया अपने उन ही कर्म प्रेरणा के स्रोत से ,
यही उस की अनन्त काल तक दुःख और भटकाव का कारण होंगे
बहुत मार्मिक ... इंसान आजकल जानवर से आगे जा रहे हैं .... भूख बढती जा रही है ... क्या होगा ....
ReplyDeleteबेहद दर्दनाक...!
ReplyDeletebahut maarmik prastuti.
ReplyDeleteनूतन जी मुझे आज ही आप के ब्लॉग की जानकारी मिली, मेरी आप के भाई साहब जी से फसबूक पर बात हो रही थी की श्रीनगर का ननं सामने आया तो उन्होंने बताया की आप श्रीनगर में डॉक्टर है, मैं तो आप को केवल साहित्यकार ही समझता था, बहुत बहुत बधाई आप को की आप दोनों पहलु से समाज सेवा कर रही है
ReplyDeleteराजेंद्र सिंह कुँवर ' फरियादी'
ग्राम -सिरसेड (कड़ाकोट)
पोस्ट-कफना, (सिल्काखाल)
बस स्टैंड -श्रीनगर गढ़वाल
नूतन जी मुझे आज ही आप के ब्लॉग की जानकारी मिली, मेरी आप के भाई साहब जी से फसबूक पर बात हो रही थी की श्रीनगर का ननं सामने आया तो उन्होंने बताया की आप श्रीनगर में डॉक्टर है, मैं तो आप को केवल साहित्यकार ही समझता था, बहुत बहुत बधाई आप को की आप दोनों पहलु से समाज सेवा कर रही है
ReplyDeleteराजेंद्र सिंह कुँवर ' फरियादी'
ग्राम -सिरसेड (कड़ाकोट)
पोस्ट-कफना, (सिल्काखाल)
बस स्टैंड -श्रीनगर गढ़वाल
बहशी दरिंदा- ये वाला कैप्शन बेटी की फोटू के नीचे लिखकर शर्म नहीं आती..
ReplyDelete-रिया
फरियादी ले जा इसे दो रात के लिए...रियानी
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