Wednesday, April 20, 2011

मन की कैद - डॉ नूतन गैरोला


     मन की कैद

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एक अन्तविहीन असीम फैलाव..
आसमान से दूर अंतरिक्ष की गहरी ऊँचाइयों में,
सहस्त्र समुद्र से ऊँची अथाह गहराइयों में,
हर रेखा के अंदर और कितनी ही सीमाओं से बाहर
मन में उभरते असंख्य विचार|
विश्लेषण करता जोड़ता, नापता, काटता

स्वीकार करता या करता विद्रोह| 
रंगहीन या इन्द्रधनुष में चमकते रंग समूह
या फिर मिलते रंगों से बना श्वेत प्रकाश
हर कोने में हजारों प्रकाशवर्ष से दूर
या खुद के ही मन के अंदर
भूत, भविष्य, वर्तमान में विचरता मन|
बनाता अक्षरों का अद्भुत संसार,
और इस जिज्ञासू घुमक्कड़ को
एक ब्लैकहोल से खींच जकड लिया जाता है|
जहाँ उसका असीम फैला संसार समा कर सिकुड जाता है
और वह कैद कर लिया जाता है
एक छोटी सी दवा/ नींद की गोली में|

टेबलेट

 

डॉ नूतन गैरोला २०-४-२०११       

29 comments:

  1. मन में उभरते असंख्य विचार|
    विश्लेषण करता जोड़ता, नापता, काटता

    गहन अभिव्यक्ति..... अपने मन से पार पाना कहाँ आसान है....

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  2. आपने मन की गहराई में जाकर ऐसी डुबकी लगवा दी है कि 'ब्लैक होल' तक ही पहुंचा दिया.वास्तव में कल्पनाओं का अंत नहीं.

    आपका अभी भी राम जन्म पर मेरे ब्लॉग पर इंतजार है.आपकी आध्यात्मिक विचार प्रस्तुति के बैगर मेरी पोस्ट अधूरी है.बेसब्री से इंतजार है आपका.

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  3. मन की विचरण की सीमाओं का लेखा जोखा लेती बहुत ही सुंदर कविता. बधाई.

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  4. बहुत दिनों बाद कोई रचना आई है ...और अंतिम पंक्ति में डाक्टर साहिबा ने नींद की गोली खिला दी ...

    गहन अभिव्यक्ति ..सुन्दर रचना

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  5. बहुत ही अध्यातमिक विचारों से भरी रचना..बहुत सुंदर।

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  6. मन की हलचल शान्त करती छोटी सी गोली।

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  7. सुन्दर विचार। मुझे तो लगता है कि आकाश असीमित हो या एक बिन्दु पर सीमित हो जाये, अंततः कोई अंतर नहीं पडता।
    सांझ पडे भुई लोटना... (संत कबीर)

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  8. हर शब्‍द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

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  9. भावों में बहुत गहराई है.

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  10. bahut gahra .....!! man ki kaid ..itna kuch man m hota hai or bs express kaise ho ....
    yahi man ki kaid hai.....!!
    kafi dino bad apki post padi achha laga...
    Jai HO mangalmay HO

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  11. इस असीम मन को आप जैसे डॉक्टर की दी हुई नींद की एक गोली कैद कर लेती है कितना आश्चर्य है न, लेकिन नींद में भी मन एक दायरे में विचरता होगा. बेहोशी में भीतर कुछ घटता है या नहीं ?

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  12. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति जी, धन्यवाद

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  13. Nutan ji mera kuchh kahna ...suraj ko chirag dikhane jaisa hi hoga ....han ab agar kisee ko neend ki goli khate dekhonnga to aapki ye kavita ajroor yad aayegi...uska sukoon mujhe uski kaid lagega. !!

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  14. विचारों की इस उन्मुक्त उडान को नींद की गोली क्यों ?

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  15. बहुत ही अध्यातमिक विचारों से भरी रचना|धन्यवाद|

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  16. आप यूँ न मन को कैद में डाल ,मेरे दिल को तोड़ियेगा. बहुत नाइंसाफी हैं कि आप मेरे ब्लॉग पर नहीं आ रहीं हैं.अपनी व्यस्तता में कुछ समय प्लीज निकालिएगा मेरे ब्लॉग पर आने का.आभारी हूँगा.

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  17. शब्दों में बहुत अच्छी विचारधारा का समावेश. मन की उलझन दर्शाने वाली अभिव्यक्ति

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  18. Excellent creation . Thanks Dr Nootan .

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  19. बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना....

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  20. दोनों कविताएँ अदभुत हैं .एकदम ताजगी का अहसास कराती मन की अतल गहराईयों से आती कविता .बधाई .

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  21. बहुत खूब .....शुभकामनायें आपको !!

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  22. दोनों कविताएँ अच्छी लगीं ।

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  23. अति उत्तम ,अति सुन्दर और ज्ञान वर्धक है आपका ब्लाग
    बस कमी यही रह गई की आप का ब्लॉग पे मैं पहले क्यों नहीं आया अपने बहुत सार्धक पोस्ट की है इस के लिए अप्प धन्यवाद् के अधिकारी है
    और ह़ा आपसे अनुरोध है की कभी हमारे जेसे ब्लागेर को भी अपने मतों और अपने विचारो से अवगत करवाए और आप मेरे ब्लाग के लिए अपना कीमती वक़त निकले
    दिनेश पारीक
    http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/

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  24. क्या बात है....वाह

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  25. दोस्तों, क्या सबसे बकवास पोस्ट पर टिप्पणी करोंगे. मत करना,वरना.........
    भारत देश के किसी थाने में आपके खिलाफ फर्जी देशद्रोह या किसी अन्य धारा के तहत केस दर्ज हो जायेगा. क्या कहा आपको डर नहीं लगता? फिर दिखाओ सब अपनी-अपनी हिम्मत का नमूना और यह रहा उसका लिंक प्यार करने वाले जीते हैं शान से, मरते हैं शान से (http://sach-ka-saamana.blogspot.com/2011/04/blog-post_29.html )

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  26. nutan ji, bahut hi gahre manobhavon se likhi hui sunder rachna...........

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  27. आप की बहुत अच्छी प्रस्तुति. के लिए आपका बहुत बहुत आभार आपको ......... अनेकानेक शुभकामनायें.
    मेरे ब्लॉग पर आने एवं अपना बहुमूल्य कमेन्ट देने के लिए धन्यवाद , ऐसे ही आशीर्वाद देते रहें
    दिनेश पारीक
    http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
    http://vangaydinesh.blogspot.com/2011/04/blog-post_26.html

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