मन की कैद
एक अन्तविहीन असीम फैलाव.. आसमान से दूर अंतरिक्ष की गहरी ऊँचाइयों में, सहस्त्र समुद्र से ऊँची अथाह गहराइयों में, हर रेखा के अंदर और कितनी ही सीमाओं से बाहर मन में उभरते असंख्य विचार| विश्लेषण करता जोड़ता, नापता, काटता स्वीकार करता या करता विद्रोह| रंगहीन या इन्द्रधनुष में चमकते रंग समूह या फिर मिलते रंगों से बना श्वेत प्रकाश हर कोने में हजारों प्रकाशवर्ष से दूर या खुद के ही मन के अंदर भूत, भविष्य, वर्तमान में विचरता मन| बनाता अक्षरों का अद्भुत संसार, और इस जिज्ञासू घुमक्कड़ को एक ब्लैकहोल से खींच जकड लिया जाता है| जहाँ उसका असीम फैला संसार समा कर सिकुड जाता है और वह कैद कर लिया जाता है एक छोटी सी दवा/ नींद की गोली में| डॉ नूतन गैरोला २०-४-२०११ |
मन में उभरते असंख्य विचार|
ReplyDeleteविश्लेषण करता जोड़ता, नापता, काटता
गहन अभिव्यक्ति..... अपने मन से पार पाना कहाँ आसान है....
आपने मन की गहराई में जाकर ऐसी डुबकी लगवा दी है कि 'ब्लैक होल' तक ही पहुंचा दिया.वास्तव में कल्पनाओं का अंत नहीं.
ReplyDeleteआपका अभी भी राम जन्म पर मेरे ब्लॉग पर इंतजार है.आपकी आध्यात्मिक विचार प्रस्तुति के बैगर मेरी पोस्ट अधूरी है.बेसब्री से इंतजार है आपका.
मन की विचरण की सीमाओं का लेखा जोखा लेती बहुत ही सुंदर कविता. बधाई.
ReplyDeleteबहुत दिनों बाद कोई रचना आई है ...और अंतिम पंक्ति में डाक्टर साहिबा ने नींद की गोली खिला दी ...
ReplyDeleteगहन अभिव्यक्ति ..सुन्दर रचना
बहुत ही अध्यातमिक विचारों से भरी रचना..बहुत सुंदर।
ReplyDeleteमन की हलचल शान्त करती छोटी सी गोली।
ReplyDeleteसुन्दर विचार। मुझे तो लगता है कि आकाश असीमित हो या एक बिन्दु पर सीमित हो जाये, अंततः कोई अंतर नहीं पडता।
ReplyDeleteसांझ पडे भुई लोटना... (संत कबीर)
हर शब्द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।
ReplyDeleteभावों में बहुत गहराई है.
ReplyDeletebahut gahra .....!! man ki kaid ..itna kuch man m hota hai or bs express kaise ho ....
ReplyDeleteyahi man ki kaid hai.....!!
kafi dino bad apki post padi achha laga...
Jai HO mangalmay HO
इस असीम मन को आप जैसे डॉक्टर की दी हुई नींद की एक गोली कैद कर लेती है कितना आश्चर्य है न, लेकिन नींद में भी मन एक दायरे में विचरता होगा. बेहोशी में भीतर कुछ घटता है या नहीं ?
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति जी, धन्यवाद
ReplyDeleteNutan ji mera kuchh kahna ...suraj ko chirag dikhane jaisa hi hoga ....han ab agar kisee ko neend ki goli khate dekhonnga to aapki ye kavita ajroor yad aayegi...uska sukoon mujhe uski kaid lagega. !!
ReplyDeletebahut jabardast rachna.
ReplyDeleteविचारों की इस उन्मुक्त उडान को नींद की गोली क्यों ?
ReplyDeleteबहुत ही अध्यातमिक विचारों से भरी रचना|धन्यवाद|
ReplyDeleteआप यूँ न मन को कैद में डाल ,मेरे दिल को तोड़ियेगा. बहुत नाइंसाफी हैं कि आप मेरे ब्लॉग पर नहीं आ रहीं हैं.अपनी व्यस्तता में कुछ समय प्लीज निकालिएगा मेरे ब्लॉग पर आने का.आभारी हूँगा.
ReplyDeleteशब्दों में बहुत अच्छी विचारधारा का समावेश. मन की उलझन दर्शाने वाली अभिव्यक्ति
ReplyDeleteExcellent creation . Thanks Dr Nootan .
ReplyDeleteबहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना....
ReplyDeleteदोनों कविताएँ अदभुत हैं .एकदम ताजगी का अहसास कराती मन की अतल गहराईयों से आती कविता .बधाई .
ReplyDeleteबहुत खूब .....शुभकामनायें आपको !!
ReplyDeleteदोनों कविताएँ अच्छी लगीं ।
ReplyDeleteअति उत्तम ,अति सुन्दर और ज्ञान वर्धक है आपका ब्लाग
ReplyDeleteबस कमी यही रह गई की आप का ब्लॉग पे मैं पहले क्यों नहीं आया अपने बहुत सार्धक पोस्ट की है इस के लिए अप्प धन्यवाद् के अधिकारी है
और ह़ा आपसे अनुरोध है की कभी हमारे जेसे ब्लागेर को भी अपने मतों और अपने विचारो से अवगत करवाए और आप मेरे ब्लाग के लिए अपना कीमती वक़त निकले
दिनेश पारीक
http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
wah....bhavparak rachna....sadhuwaad..
ReplyDeleteक्या बात है....वाह
ReplyDeleteदोस्तों, क्या सबसे बकवास पोस्ट पर टिप्पणी करोंगे. मत करना,वरना.........
ReplyDeleteभारत देश के किसी थाने में आपके खिलाफ फर्जी देशद्रोह या किसी अन्य धारा के तहत केस दर्ज हो जायेगा. क्या कहा आपको डर नहीं लगता? फिर दिखाओ सब अपनी-अपनी हिम्मत का नमूना और यह रहा उसका लिंक प्यार करने वाले जीते हैं शान से, मरते हैं शान से (http://sach-ka-saamana.blogspot.com/2011/04/blog-post_29.html )
nutan ji, bahut hi gahre manobhavon se likhi hui sunder rachna...........
ReplyDeleteआप की बहुत अच्छी प्रस्तुति. के लिए आपका बहुत बहुत आभार आपको ......... अनेकानेक शुभकामनायें.
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आने एवं अपना बहुमूल्य कमेन्ट देने के लिए धन्यवाद , ऐसे ही आशीर्वाद देते रहें
दिनेश पारीक
http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
http://vangaydinesh.blogspot.com/2011/04/blog-post_26.html