Wednesday, April 10, 2013

हाँ! ये तुम्हीं से हैं|

 

 it__s_in_your_eyes____by_Made_0f_Dreams

 

तुम मेरे

अनछुवे ख्वाब हो

पाकीजा|

जैसे किसी बच्चे की झोली में आ गिरे

एक डॉलर हो

बेहद अनमोल,

खर्च करने लायक नहीं हो जो

सिक्कों की तरह|

तंगहाली में भी

पेट की भूख में भी

रहता है  उसकी जेब में बंद

एक रोटी की तरह

एक सूरज की तरह|

तुम मेरी

पलकों में छुपा कर रखे हुए

अदेखे ख्वाब हो

जिसे रोज प्रस्फुटित होते देखती हूं खुद के भीतर |

जैसे एक पुरानी  बंद

बेशकीमती इत्र की शीशी में

सुकूने जिंदगी की खुश्बू

जो खुलती नहीं है बाहर

सदा महकती रहती है

‘साँसों के साथ

मन के भीतर|

ख्वाब पूरा होने के लिए नहीं

कि फिर एक नया ख्वाब ले जन्म

तुम्हारा अधूरापन ही बेहतर है|

इससे पहले की नींद पूरी हो

और ख्वाब टूट जाए

नहीं नहीं

मैं तुम्हें बसने नहीं दूंगी पलकों पे

पूर्ण हो कर तुम्हें लुप्त भी न होने दूंगी,

तुम शेष रहोगे हमेशा

अशेष संभावनाओं के साथ

सदा रहोगे विशेष

बन् कर

मेरी आँखों में चमक

मेरी आँखों की नमी |

हाँ ! ये तुम्हीं से हैं |

 

…………………….~nutan~

 

9 comments:

  1. ख्वाबों की ये हसीन दुनिया...

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  2. वाह !!! बहुत प्रभावी सुंदर प्रस्तुति !!!

    recent post : भूल जाते है लोग,

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  3. ख़्वाबों का अस्तित्व उसने पूरे न होने में ही तो है....
    बहुत प्यारी सी अभिव्यक्ति.....
    एक दम पाकीज़ा...

    अनु

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  4. तुम्हारा अधूरापन ही बेहतर है|.....
    ------------------------------
    एक बेहतरीन कविता ....जैसे मन के भीतर महकती जिन्दगी की खुशबू .. तुम्हारा अधूरापन ही बेहतर है|.....
    ------------------------------
    एक बेहतरीन कविता ....जैसे मन के भीतर महकती जिन्दगी की खुशबू ..

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  5. बहुत प्रभावी उम्दा अभिव्यक्ति !!!

    recent post : भूल जाते है लोग,

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  6. अति-आत्मविश्वास से भरी ये कविता खुद के खिलाफ घात करती नजर आती है ,यकीं मानिए पढने के बाद जो दिखाई दे रहा है वो केवल सूखी हुई रेत पर बिखरी कुछ सीपियाँ हैं ,धूप में कुम्ल्हाती हुई ,कोई आरोहण नजर नहीं आता किसी अनंत की ओर । कविता यक़ीनन लाजवाब है

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  7. नव वर्ष पर हार्दिक शुभ कामनाएं |उम्दा रचना |
    आशा

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  8. संबंधों का कोमल अधिकार, सुन्दर रचना

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  9. भावनायों का समंदर है यह प्रस्तुति.

    नवसंवत्सर की शुभकामनाएँ.

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