जीती रही जन्म जन्म, पुनश्च- मरती रही, मर मर जीती रही पुनः, चलता रहा सृष्टिक्रम, अंतविहीन पुनरावृत्ति क्रमशः ~~~और यही मेरी कहानी Nutan
धन्यवाद मनोज जी.. नवरात्रि पर आपको भी शुभकामनाये
Nice presentation !
धन्यवाद मनोज जी.. नवरात्रि पर आपको भी शुभकामनाये
ReplyDeleteNice presentation !
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