सुंदरता के
स्निग्ध गालों के पीछे,
रेशमी बालों के नीचे ,
मदभरी आँखों की
हसीन झिलमिलाहट के अंदर….
दिल की जमीन पर -
खाई खंदक और
कितनी ही गहरी दरारें |
दरारों की भीतर
टीसते रिसते बहते हैं आंसू,
पर टपकते नहीं जो आँखों से |
कहीं पवित्रता की स्मिता का सबब
या कहीं मंडी में बिकती देह की मजबूरियां…
अस्वीकार कर अनसुना करती है उस आवाज को
जो कशिश भरती लुभाती है उसे
और अपने ही दिल को तोड़ कर बार बार
खामोश रहती है सुंदरता || ……..
और अपने ही दिल को तोड़ कर बार बार
ReplyDeleteखामोश रहती है सुंदरता || ……..
kya baat hai:)
और अपने ही दिल को तोड़ कर बार बार
ReplyDeleteखामोश रहती है सुंदरता || ……..
बहुत सुंदर प्रस्तुति,..बेहतरीन रचना,....
MY RESENT POST .....आगे कोई मोड नही ....
इन दरारों को तो भरना ही होगा, नहीं तो जीवन ही बह जायेगा वहाँ से।
ReplyDeleteबहुत उत्कृष्ट भावपूर्ण मर्मस्पर्शी रचना....
ReplyDeleteमजबूरियाँ खामोश ही रहती हैं ...
ReplyDeleteनारी तन और मन की पीड़ा की मार्मिक प्रस्तुति
ReplyDeleteBahut sundar
ReplyDeleteबह जाएँ आँसूं तो चैन आये.................
ReplyDeleteबहुत सुंदर नूतन जी...
शुक्रिया.
अनुपम भाव संयोजित करती उत्कृष्ट प्रस्तुति।
ReplyDeleteकल 02/05/2012 को आपकी इस पोस्ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.
आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
...'' स्मृति की एक बूंद मेरे काँधे पे '' ...
बेहतरीन
ReplyDeleteसादर
बहुत सुंदर नूतन जी....
ReplyDeleteहमारी एक टिप्पणी स्पाम से निकालिए.
सादर.
बहुत ही बेहतरीन और उत्कृष्ट रचना...
ReplyDeleteसच दर्द जब गहराता तो तब आँखों से आंसू नहीं निकलते .. सूख जाते है आंसू भीतर ही ..
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
इस ख़ामोशी के पीछे कितने राज छिपे हैं यह वही जानती है..मार्मिक रचना !
ReplyDeleteआंसूओं से दिल की जमीं ही ना दरक जाये
ReplyDeleteहवा का झोंका बन कर मुझको दरारों में पहुंचने दो ।
सुंदर रचना ।
इन आंसुओं का बह जाना ही बेहतर है ... इस तूफ़ान कों निकाल्देना ही अच्छा ...
ReplyDeleteशान्ति भी तो इसी में है ...
गहन भाव,मार्मिक और हृदयस्पर्शी.
ReplyDelete'और अपने ही दिल को तोड़ कर बार बार
खामोश रहती है सुंदरता'
हनुमान लीला अब और कुछ आगे बढ़ी
प्रयत्न सार्थक हो तभी
जब आपके सुवचनों की उससे जुड़े सुन्दर कड़ी.
मेरा ब्लॉग बिसराईयेगा नहीं,प्लीज.
गहरी दरारें ...
ReplyDeleteगहरी अभिव्यक्ति ..
शुभकामनायें आपको !
सुन्दर , सारगर्भित रचना !
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