| 
 
 
 
   
 
 हाहाहाप्यार भी किस चिड़िया का नाम है
 है ना ..
 औचक सी रह जाती हूँ मैंकंधे पर फुदक कर बैठ जाती है जब
 किसी जंगल की खुशबू का आभास लिए
 पर्वतों पर आ जाती है वह
 चहकती हुई लुभाती हुई
 ..........
 
 ओ अबाबील तुम प्रवासी होपहाड़ का सम्मोहन तुम्हें खींच लाता है इधर
 पर
 तुम नहीं जानती कि कब बदल जायेंगे ये मौसम
 और तुम्हें जाना होगा वापस .....
 पहाड़ पर बहते हुए तुम्हारे प्रेम राग
 और कन्धों पर तुम्हारे पंखों की फडफडाहट
 गुदगुदा जाते है बहुत ..........
 .और देखों उन हाथों में
 दोना है अनाज  का
 वो तुम्हें चुगाएगी नहीं
 बेशक तुम बहुत अच्छी हो अबाबिल ......
 फिर भी ध्यान रखना
 वो अभिशापित है निष्ठुरता के लिए
 तुम पर जारी निष्ठुरता के लिए प्रतिबद्ध है
 इसलिए वो खुद के प्रति अन्यायी हो जाती है  और हो जाती है  खुद से निष्ठुर .......फिर भी
 अगर तुम्हें भूखा न वो देख पाए
 और स्नेह से बिखरा दे दानें पर तुम न चुगना दानो को
 न उनके फेर में पड़ जाना ........ये पहाड़ है हिमालय के
 जहाँ पाषाण बहुतेरे और हरियाली है कम
 और जाने कब बदल जाए मौसमआ जाए कोई बर्फीला तूफ़ान
 और नन्ही अबाबील हो जाए लुप्त ...
 इससे पहले ही तुम
 उसके कंधे से उतर जाओ
 जाओ परवाज लगाओ .......
 पहाड़ से दूर बहुत दूर
 क्यूंकि वो भी चाहती है तुम्हारी दीर्घ खुशी
 और तुम्हारी उन्मुक्त लंबी उड़ान .......
 ये जायज है कि तुम्हारा लक्ष्यएक कंधे के लिए संकीर्ण हो नहीं सकता
 तुम्हें फैलाने होंगे वृहद समाज के लिए अपने पांखें
 दूर तक उड़ना होगा   और सुनाना होगा सबको मधुर राग .….. नूतन  
 
 
 
 | 
सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति.
ReplyDeleteआभार
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ नूतन जी.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (05-01-2014) को तकलीफ जिंदगी है...रविवारीय चर्चा मंच....चर्चा अंक:1483 में "मयंक का कोना" पर भी है!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
कितने दिन अपने होते हैं,
ReplyDeleteरातों के सपने रोते हैं।
बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteनया वर्ष २०१४ मंगलमय हो |सुख ,शांति ,स्वास्थ्यकर हो |कल्याणकारी हो |
नई पोस्ट सर्दी का मौसम!
नई पोस्ट विचित्र प्रकृति
भाव पूर्ण सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteनववर्ष की शुभकामनायें ...............सुन्दर सी रचना के लिए बधाई .........
ReplyDeleteभावपूर्ण प्रस्तितु ... दिल को छूती हुई रचना ...
ReplyDeleteवाह जी वाह
ReplyDelete