अधूरी स्वीकृति ************ खिलता क्यों है फूल टूट जाने के लिए पंखुड़ी पंखुड़ी बिखर जाने के लिए रह जाते है शेष कुछ कांटे कुछ ठूंठ एक विराम की तरह| कि जिससे पहले की गाथा एक कोमल युग की कहानी थी और जिसके बाद ..................... | --------------------------------------------- कभी जान पाया है कोई कि उस पुष्प की अभिलाषा क्या थी ? हर फूल की अपनी अपनी एक कहानी कोई दलदल का कमल, तो कोई रात की रानी कोई प्युली तो कोई बुरांस कोई गुलमोहर तो कोई पलास कोई चंपा कोई कचनार कोई गेंदा तो कोई गुलाब ........... ------------------------------------------------- तुम किस किस को बूझोगे किस किस को सुनोगे? यह प्रश्न तो मेरे लिए है, तुम्हारे लिए एक सहज उत्तर .. फिर भी साथ बने रहने के लिए सुनो! उस सूखी बावड़ी के किनारे जहाँ कोमल इच्छाएं करती हैं आत्महत्या हम एक बागीचा लगा देते है सभी कोमल फूलों का कि तुम हाथ में लिए रहो उनका लेखा जोखा थोड़ी काली मिट्टी और बुरबुरी खाद फिर बैठ कर साथ उन फूलों के रंगों पे गीत गायेंगे बाटेंगे उनका सुख दुःख उन्हें गले लगा अपनाएंगे अपने मन में उठे कोलाहल को दबाये पूर्ण स्वीकृति के साथ हम बावड़ी के किनारे खिलते फूलों के साथ अपने पलों को मह्कायेंगे| ---------------------------- शर्त इतनी है मेरी कि मुझमें फिर कभी मत ढूंढना विराम से पहले का वह कोमल गुलाब| -------------------------- निगोड़ी तेरी नौकरी भी न सौतन, दुश्मन ... ~nutan~ — |
बहुत सुंदर रचना.
ReplyDeleteरामराम.
प्रभावित करती रचना .
ReplyDeleteबहुत खुबसूरत रचना..
ReplyDeleteयदि अभिलाषा पूरी ना हो तो अक्सर रूखापन आ ही जाता है
ReplyDeleteसुन्दर
वाह....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर.....
अनु
अति सुन्दर.
ReplyDeleteबेहतरीन रचना...
:-)
कोई प्युली तो कोई बुरांस
ReplyDeleteकोई गुलमोहर तो कोई पलास
कोई चंपा कोई कचनार
कोई गेंदा तो कोई गुलाब
.........
सबका अपना अपना वजूद है ..हमेशा कहाँ रहता है ....
..अपने परिवेश से बांधती सुन्दर प्रस्तुति !.
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार(3-8-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
ReplyDeleteसूचनार्थ!
Srishti ki har rachnaa apne aap me sampuran ....sundar rachna
ReplyDeleteसुन्दर भाव ..............हर किसी की अपनी कहानी........
ReplyDeleteमन की सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत सुब्दर भाव .. पुष्प की अभिलाषा सच में कोई नहीं जान पाता ... बस अपने आप से रेलटे करते हैं सब ..
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