जीती रही जन्म जन्म, पुनश्च- मरती रही, मर मर जीती रही पुनः, चलता रहा सृष्टिक्रम, अंतविहीन पुनरावृत्ति क्रमशः ~~~और यही मेरी कहानी Nutan
एक नाम गढ़ जाता है जब ….
दिल पर
किसी तीर जैसा,
पत्थरों पर
आलेख जैसा………
या पत्थर पर लिखा नाम
एक मौत और उसकी यादगार भर हो जाता है| ….. नूतन
सुन्दर प्रयास सार्थक भावनात्मक अभिव्यक्ति ”ऐसी पढ़ी लिखी से तो लड़कियां अनपढ़ ही अच्छी .”आप भी जाने @ट्वीटर कमाल खान :अफज़ल गुरु के अपराध का दंड जानें .
सार्थक रचना!
मर्म को उकेरती सारगर्भित रचना.बहुत बहुत बधाई .
कुछ शब्दों में बहुत कुछ कह दिया...बहुत सुन्दर
मन का एक दर्द ऐसा भी
भावो को संजोये रचना......
नाम के साथ सारा का सारा व्यक्तित्व व संबंधित घटनाक्रम चला आता है।
bahut umda Rachna...Badhai ..http://ehsaasmere.blogspot.in/
बहुत सुंदर सारगर्भित उम्दा अभिव्यक्ति ,,,recent post: मातृभूमि,
यथार्थपरक।
choti si.....badi baat.
गहरी बात
सुन्दर प्रयास सार्थक भावनात्मक अभिव्यक्ति ”ऐसी पढ़ी लिखी से तो लड़कियां अनपढ़ ही अच्छी .”
ReplyDeleteआप भी जाने @ट्वीटर कमाल खान :अफज़ल गुरु के अपराध का दंड जानें .
सार्थक रचना!
ReplyDeleteमर्म को उकेरती सारगर्भित रचना.बहुत बहुत बधाई .
ReplyDeleteकुछ शब्दों में बहुत कुछ कह दिया...बहुत सुन्दर
ReplyDeleteमन का एक दर्द ऐसा भी
ReplyDeleteभावो को संजोये रचना......
ReplyDeleteनाम के साथ सारा का सारा व्यक्तित्व व संबंधित घटनाक्रम चला आता है।
ReplyDeletebahut umda Rachna...Badhai ..
ReplyDeletehttp://ehsaasmere.blogspot.in/
बहुत सुंदर सारगर्भित उम्दा अभिव्यक्ति ,,,
ReplyDeleterecent post: मातृभूमि,
यथार्थपरक।
ReplyDeletechoti si.....badi baat.
ReplyDeleteगहरी बात
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