चौकीदार चौकीदार उनींदी आँखों से रोज की तरह दिन की पार्ट-टाइम नौकरी के बाद रात के पिछले पहर सर्दी में ठिठुरता सुनसान सड़क पर बंद खिड़की दरवाजों के रेशमी पर्दों के पीछे नरम गरम बिस्तर पर अपने को सोये पाता है | घबरा जाता है | खुद को नोच कर जगाता है| नींद से पस्त थकी तनी नसों में दमख़म भर कर एक सीटी बजाता है जोर से चिल्लाता है सबको सुनाता है जाअ्अ्अ्गते रहोअ्अ् | जैसे खुद को दे रहा हो नसीहत चेता रहा हो खुद को अगर जिंदगी की जंग जीतनी हो तो जागते रहो | …. नूतन २९ / ३ /२०१२
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बहुत खूब .... ज़िंदगी कि जंग जीतने के लिए जागना ज़रूरी है ... अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteBAHUT SUNDER ,,,,,,,,,YEH JAGTE RAHO KI AAWAZ HI USKO GARMI DETI HAI POORI RAAT JAGNE KE LIYE.........
ReplyDeleteबहुत बढ़िया.........
ReplyDeleteचेतना ज़रूरी है...तन की और मन की भी....
औरों के सोने की परवाह किये बिना जागते रहना ही जीतने की पहली शर्त है।
ReplyDeleteसारी रात जाग कर पहरा देना ही उसका कार्य है और जिंदगी को बनाये रखने के लिए अपने कार्य में सक्षमता ज़रूरी है. तो खुद को जागते रहो कहने के लिए भी जोर से आवाज़ देता है. बहुत अच्छी रचना, बधाई.
ReplyDeleteअध्यात्म मार्ग में सद्विवेक ही चौकीदार है.
ReplyDeleteजो मोह निशा में जागते और जगाते रहने की निरंतर
कोशिश करता रहता है.
आपकी भावपूर्ण प्रस्तुति जगाने की सुन्दर कोशश है.
.सुन्दर प्रस्तुति!...धन्यवाद!
ReplyDeleteवाह!!!!बहुत बढ़िया रचना,सुंदर भाव अभिव्यक्ति,बेहतरीन पोस्ट के लिए बधाई,....नूतन जी
ReplyDeleteMY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: मै तेरा घर बसाने आई हूँ...
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteआप को सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया,"राजपुरोहित समाज" आज का आगरा और एक्टिवे लाइफ
,एक ब्लॉग सबका ब्लॉग परिवार की तरफ से सभी को भगवन महावीर जयंती, भगवन हनुमान जयंती और गुड फ्राइडे के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं ॥
आपका
सवाई सिंह{आगरा }
बहुत सुन्दर प्रस्तुति !
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग कि नवीनतम पोस्ट के लिए यहाँ क्लिक करे. !
manojbijnori12.blogspot.com
जोर से चिल्लाता है
ReplyDeleteसबको सुनाता है
जाअ्अ्अ्गते रहोअ्अ् |
जैसे खुद को दे रहा हो नसीहत
चेता रहा हो खुद को
अगर जिंदगी की जंग जीतनी हो तो
जागते रहो | …
bahut sahi sandesh deti hui sundar kavita.
वाकई जागना ही है ....
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !
जमीन की रचना है यह| सर्वहारा वर्ग के लिये आपका प्यार सराहनीय है| चौकीदार के माध्यम से जागृति
ReplyDeleteका संदेश भी दिया गया है |
जमीन की रचना है यह | सर्वहारा वर्ग के लिये आप का प्यार सराहनीय है| रचना के माध्यम से जागृति
ReplyDeleteका संदेश भे दिया गया है |बहुत खूब !!