Friday, March 30, 2012

चौकीदार



 

                          707696-Rothenburg_Square_at_night_Rothenburg_ob_der_Tauber 
                                                                                                                                                              
                                     चौकीदार
 
चौकीदार
उनींदी आँखों से
रोज की तरह
दिन की पार्ट-टाइम नौकरी के बाद
रात के पिछले पहर
सर्दी में ठिठुरता
सुनसान सड़क पर
बंद खिड़की दरवाजों के
रेशमी पर्दों के पीछे
नरम गरम बिस्तर पर
अपने को सोये पाता है |
घबरा जाता है |
खुद को नोच कर जगाता है|
नींद से पस्त थकी तनी नसों में
दमख़म भर कर 
एक सीटी बजाता है
जोर से चिल्लाता है
सबको सुनाता है
जाअ्अ्अ्गते  रहोअ्अ् |
जैसे  खुद को दे रहा हो नसीहत
चेता रहा हो  खुद को
अगर जिंदगी की जंग जीतनी हो तो  
जागते रहो | ….     नूतन     २९ / ३ /२०१२
 

14 comments:

  1. बहुत खूब .... ज़िंदगी कि जंग जीतने के लिए जागना ज़रूरी है ... अच्छी प्रस्तुति

    ReplyDelete
  2. BAHUT SUNDER ,,,,,,,,,YEH JAGTE RAHO KI AAWAZ HI USKO GARMI DETI HAI POORI RAAT JAGNE KE LIYE.........

    ReplyDelete
  3. बहुत बढ़िया.........
    चेतना ज़रूरी है...तन की और मन की भी....

    ReplyDelete
  4. औरों के सोने की परवाह किये बिना जागते रहना ही जीतने की पहली शर्त है।

    ReplyDelete
  5. सारी रात जाग कर पहरा देना ही उसका कार्य है और जिंदगी को बनाये रखने के लिए अपने कार्य में सक्षमता ज़रूरी है. तो खुद को जागते रहो कहने के लिए भी जोर से आवाज़ देता है. बहुत अच्छी रचना, बधाई.

    ReplyDelete
  6. अध्यात्म मार्ग में सद्विवेक ही चौकीदार है.
    जो मोह निशा में जागते और जगाते रहने की निरंतर
    कोशिश करता रहता है.

    आपकी भावपूर्ण प्रस्तुति जगाने की सुन्दर कोशश है.

    ReplyDelete
  7. .सुन्दर प्रस्तुति!...धन्यवाद!

    ReplyDelete
  8. वाह!!!!बहुत बढ़िया रचना,सुंदर भाव अभिव्यक्ति,बेहतरीन पोस्ट के लिए बधाई,....नूतन जी

    MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: मै तेरा घर बसाने आई हूँ...

    ReplyDelete
  9. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति
    आप को सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया,"राजपुरोहित समाज" आज का आगरा और एक्टिवे लाइफ
    ,एक ब्लॉग सबका ब्लॉग परिवार की तरफ से सभी को भगवन महावीर जयंती, भगवन हनुमान जयंती और गुड फ्राइडे के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं ॥
    आपका

    सवाई सिंह{आगरा }

    ReplyDelete
  10. बहुत सुन्दर प्रस्तुति !
    मेरे ब्लॉग कि नवीनतम पोस्ट के लिए यहाँ क्लिक करे. !
    manojbijnori12.blogspot.com

    ReplyDelete
  11. जोर से चिल्लाता है
    सबको सुनाता है
    जाअ्अ्अ्गते रहोअ्अ् |
    जैसे खुद को दे रहा हो नसीहत
    चेता रहा हो खुद को
    अगर जिंदगी की जंग जीतनी हो तो
    जागते रहो | …

    bahut sahi sandesh deti hui sundar kavita.

    ReplyDelete
  12. वाकई जागना ही है ....
    शुभकामनायें आपको !

    ReplyDelete
  13. जमीन की रचना है यह| सर्वहारा वर्ग के लिये आपका प्यार सराहनीय है| चौकीदार के माध्यम से जागृति
    का संदेश भी दिया गया है |

    ReplyDelete
  14. जमीन की रचना है यह | सर्वहारा वर्ग के लिये आप का प्यार सराहनीय है| रचना के माध्यम से जागृति
    का संदेश भे दिया गया है |बहुत खूब !!

    ReplyDelete

LinkWithin

Related Posts with Thumbnails